1. ‘अग्निपथ’ कविता में कवि ने कैसे जीवन के बारे में बताया है?
2. कवि मनुष्य से किस बात की शपथ लेने को कहता है?
3. दूसरों की सहायता लेने से कवि क्यों मना करता है?
4. “एक पत्र छाँह भी माँग मत’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए
5. निम्नलिखित में कौन-सी रचना हरिवंशराय जी की नहीं है?
6. श्री हरिवंशराय बच्चन को निम्नलिखित में से कौन-सा पुरस्कार नहीं मिला?
7. हरिवंशराय बच्चन का जन्म कब हुआ था?
8. ‘अग्निपथ’ कविता किसके द्वारा लिखी गई है?
काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर इनमें से किसी एक पर पूछे गए प्रश्नों के वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर का चयन कीजिए अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ! वृक्ष हों भले खड़े, हों घने, हों बड़े, एक पत्र-छाँह भी माँग मत, माँग मत, माँग मत! अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ! तू न थकेगा कभी! तू न थमेगा कभी! तू न मुड़ेगा कभी!-कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ! यह महान दृश्य है चल रहा मनुष्य है अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि 1. ‘अग्निपथ’ कविता में कवि ने कैसे जीवन के बारे में बताया है?
2. कवि मनुष्य से किस बात की शपथ लेने को कहता है?
3. दूसरों की सहायता लेने से कवि क्यों मना करता है?
4. ‘एक पत्र छाँह भी माँग मत’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए
5. कविता का मूल भाव क्या है?
😊😊😊
Comments
Post a Comment